आम रसीले
आम क्या हैं ये रसीले ,
पेड़ो पर लगे हैं पीले - पीले ....
सोच रहे हैं कब जोर से हवा चले,
पीले- पीले आम खाने को मिले ....
आम का हैं अब समय आया ,
खट्टे-मीठे आम खाने का जी ललचाया ....
पेड़ो पर लगे हैं कच्चे -पक्के आम ,
बाजारों में हैं इनके कितने मंहगे दाम.....
आम क्या हैं ये रसीले ,
पेड़ो पर लगे हैं पीले - पीले .....
लेखक - धर्मेन्द्र कुमार
कक्षा - ९ अपना घर ,कानपुर
सुन्दर कविता मुँह मे पानी आ गया।
जवाब देंहटाएंmeethe meethe taaje aam
जवाब देंहटाएंkhub rasile meethe aam
naani ke ghar jana hai
meethe aam khana hai
baag bagiche ghum ghum ke
khub todne meethe aam