शुक्रवार, 11 जून 2010

कविता ; प्रदूषण

प्रदूषण
प्रदूषण ने किया है परेशान ,
खोले हैं ये फैक्ट्ररियों की खान....
गर्मी से हैं अब सब बेहाल ,
मत पूछो अब किसी का हाल......
जब मार्च के महीने में है यह हाल ,
तो मई-जून आदमी हो जायेगा लाल..
आगे और पता नहीं क्या होगा ?
आदमी का कुछ पता नहीं होगा....
गाड़ी मोटर कार जो चलाते,
जाने कितना प्रदूषण कर जाते....
क्यों न करें हम साइकिल का इस्तेमाल ?
तब शायद सुधरे थोडा हाल ....
पड़ रही है गर्मी बहुत इस बार,
पहुँच गया है परा ४८ के पार....

लेखक :धर्मेन्द्र कुमार
कक्षा :
अपना घर

8 टिप्‍पणियां:

  1. भविष्य का संकेत देती सुन्दर रचना प्रदूषण पर..आभार

    जवाब देंहटाएं
  2. very good per ya banami kaon hai pagal isko todi bhi tamej nahi hai

    जवाब देंहटाएं
  3. hay love you shalu i very miss you please coll to me .

    mujhe nye girlfriend ki khoj hai kya aap banogi meri nye girlfriend

    TOH mujhe coll kijiye 9717402078

    जवाब देंहटाएं