बुधवार, 19 मई 2010

कविता सपना

सपना
एक दिन मैंने देखा था ,
आसमान में कई रंग मिले थे....
लाल गुलाबी पीले आसमानी,
इन सब रंगों में से था....
लाल रंग बड़ा अभिमानी,
अपने को बड़ा दिलदार समझता....
बाकी को फुट पात समझता,
एक दिन जब बादल ने गरजा....
सब रंगों में तब हो गयी लड़ाई,
तब नहीं रहा कोई किसी का भई....
बादल ने जब बरसाया पानी,
सब रगों की हो गयी हैरानी....
एक दिन मैंने देखा था,
आसमान में कई रंग मिले थे....
लेखक ज्ञान कक्षा अपना घर कानपुर

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