सोमवार, 16 नवंबर 2009

कविता: आम खाए पड़े बीमार

आम खाए पड़े बीमार

एक पेड़ पर डाले चार...
उस पर बैठे तोते एक हजार,
सबने मिलकर आम खाए चार हजार...
खाते ही एक साथ पड़ गए सभी बीमार,
बीमारी का नाम था अमवां ,
सब पहुचें घबरा के नगवां....
नगवां में रहते थे घोंचू डाक्टर,
उसने लगाई सूई सबको जमकर...
सूई लगी तो दर्द से बोला सबने,
टाँव टाँव की जोर लगाई सबने...
दर्द हुआ तो डक्टर लगे कसाई,
पर उसने सबकी जान बचाई...
जिस पेड़ पर छिडकी हो दवा अब जाना,
डाक्टर बोला हरदम फल धोकर ही खाना...
एक पेड़ में डाले चार,
उस पर बैठे तोतें हजार ....

लेखक: आदित्य कुमार, कक्षा 7, अपना घर



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