मंगलवार, 26 मार्च 2019

कविता : मेरा गाँधी ऐसा था

" मेरा गाँधी ऐसा था "

मेरा गाँधी ऐसा था,
भारत देश का बापू था |
कहीं मिट जाए इनका सम्मान
कहीं न हो जाए इनका अपमान |
इसने हमको अंग्रेजों से बचाया,
हम इनको दुनियाँ से बचाएँगे |
इनका अपमान अब नहीं सह पाएँगे,
गाँधी गाँधी इनका नैरा लगाएँगे |
नए नए नोटों में हम इसको लगाएँगे,
एक बार फिर से सब गाँधी चिल्लाएँगे |
हम दिलाएँगे गाँधी को इंसाफ,
कर देंगे सरकार का पर्दाफास |  

                                                                                                         कवि : समीर कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर

कवि परिचय : यह हैं समीर कुमार जिन्होंने यह कविता लिखी है, जो की प्रयागराज के निवासी हैं | समीर को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है | समीर हर हफ्ते एक न एक कविता जरूर लिखते है | समीर इसके आलावा गीत भी बहुत अच्छा गए लेते हैं | समीर एक संगीतकार बनना चाहते हैं |