tag:blogger.com,1999:blog-6927750092483053365.post7927357569335628491..comments2023-10-30T14:30:18.184+05:30Comments on बाल सजग: कविता:- मास्टर जीBAL SAJAGhttp://www.blogger.com/profile/12202593604973354418noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-6927750092483053365.post-51065547852459642512009-04-09T17:12:00.000+05:302009-04-09T17:12:00.000+05:30अब जरूरपड़ेगी डंडे की मारएक तो नाम लियामास्टर जी ...अब जरूर<BR/><BR/>पड़ेगी डंडे की मार<BR/><BR/>एक तो नाम लिया<BR/><BR/>मास्टर जी का<BR/><BR/>वो भी गलत <BR/>भूलने की अब<BR/><BR/>लग गई है लत।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6927750092483053365.post-80302480870999641442009-04-09T17:11:00.000+05:302009-04-09T17:11:00.000+05:30महेश जीडंडे की मारऔरडंडा गिल्ली काजमाना अब कहां ?...महेश जी<BR/><BR/>डंडे की मार<BR/><BR/>और<BR/><BR/>डंडा गिल्ली का<BR/><BR/>जमाना अब कहां ?<BR/><BR/>मन का प्यारा<BR/><BR/>अफसाना<BR/><BR/>वो तराना<BR/><BR/>अब कहां ?अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6927750092483053365.post-75522111372748878042009-04-09T17:01:00.000+05:302009-04-09T17:01:00.000+05:30पुराने दिन याद क्यों दिला दिए जब हमारे लिए भी बहु...पुराने दिन याद क्यों दिला दिए जब हमारे लिए भी बहुत ही मोटा डंडा कई बार तो हमसे मंगवाया जाता और हम पर तोडा जाता था अब दर्द हो रहा <BR/><BR/>अच्छा लिखा है आपने बहुत बहुत बधाई मास्टर अशोक जी आपको खूब पढो बहुत ही आगे बढोमोहन वशिष्ठ https://www.blogger.com/profile/00939783274989234267noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6927750092483053365.post-21864734357386912132009-04-09T16:45:00.000+05:302009-04-09T16:45:00.000+05:30बच्चें के लिए अच्छी कविताएं लिखी हैं।बच्चें के लिए अच्छी कविताएं लिखी हैं।संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6927750092483053365.post-58534295892500345432009-04-09T16:42:00.000+05:302009-04-09T16:42:00.000+05:30भाई महेश जीमजा आ गया। आपका ब्लाग देखकर न सिर्फ इसक...भाई महेश जी<BR/>मजा आ गया। <BR/>आपका ब्लाग देखकर न सिर्फ इसको भड़ास के कोने में दर्ज कराया बल्कि आपके ब्लाग पर एक पोस्ट भी लिख डाली ताकि बुरे बन चुके मुझ जैसे गरिष्ठ-वरिष्ठ लोग थोड़े बच्चे बनकर अच्छे भी बन जाएं :)<BR/><BR/>यशवंत<BR/>http://bhadas.blogspot.comयशवंत सिंह yashwant singhhttps://www.blogger.com/profile/08380746966346687770noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6927750092483053365.post-81637191374183925692009-04-09T14:32:00.000+05:302009-04-09T14:32:00.000+05:30सबसे पहले तो आपको इस महान काम के लिए बधाई। बच्चों...सबसे पहले तो आपको इस महान काम के लिए बधाई। बच्चों के लिए यह जगह देखकर मुझे अपनी चकमक की याद आ गई। जी हां मैंने 17 साल चकमक के संपादन में लगाए हैं। वहां हम बच्चों को इसी तरह मेरा पन्ना में छापते थे। बच्चों की रचनाओं को चुनते समय थोड़ा उनके संपादन भी पर ध्यान दें। संपादन इस तरह हो कि बच्चे उसे देखकर लिखना सीखें भी।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.com