सोमवार, 24 मई 2010

कविता :जल

जल
नदियों कया पानी कल कल ।
आवाज करे और बहता जल ॥
पानी को सभी बचाओ ।
लोगों को इसका उपयोग बताओ ॥
अगर न होता पानी धरती पर ।
जीवन भी न होता इस पर ॥
पानी है सबका जीवन ।
ये न हो तो मुश्किल सबका जीवन॥
लोग भी पानी बर्बाद कराएं ।
पानी से पेप्सी ,कोक बनाएं ॥
जल ही देता सबको राहत ।
जल की न समझें कोई कीमत ॥

लेखक :आशीष कुमार
कक्षा :
अपना घर

4 टिप्‍पणियां:

प्रतुल वशिष्ठ ने कहा…

आशीष जी के कविता-भाव बहुत निर्मल, स्वच्छ जल की तरह.

seema gupta ने कहा…

जल तो जीवन है बहुत ही सुन्दर

Naman Bajaj ने कहा…

very nice poem

Naman Bajaj ने कहा…

very nice poem